हम ऐसी दुनिया में रहते है जहां चारों ओर डिस्प्ले ही डिस्प्ले है। फिर चाहे डिस्प्ले बड़ा हो या छोटा – स्मार्टफोन, टेबलेट, लैपटॉप, डेस्कटॉप और टेलीविजन के रूप में ये हमारे चारों ओर मौजूद है। हालांकि समस्या इनके होने से नहीं है। समस्या तब होती है जब लोग इन स्क्रीन, डिस्प्ले को ही टकटकी लगाकर देखते रहते हैं। यहां तक कि बीच में पलक झपकाना भी भूल जाते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक एक सामान्य आदमी एक मिनट में करीब 15-20 बार पलकें झपकाता है। लेकिन इन डिस्प्ले को लगातार देखते रहने के दौरान हम पलक झपकाना बिल्कुल ही बंद कर देते हैं और इसका नतीजा यह होता है कि हमारी आंखे सुख जाती है और इनमें खुजली चलने लगती है। इसी से हमारी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ज्यादा देर तक स्क्रीन देखने, खासकर स्मार्टफोन से चिपके रहने से आपकी आंखों में दर्द पैदा हो सकता है और आंखे खराब भी हो सकती है। इसके अलावा दिन भर स्मार्टफोन की स्क्रीन को देखने के बाद रात को जब आप सोने जाते है तो नींद नहीं आती। इसका कारण यह है कि स्मार्टफोन हानिकारक नीली रोशनी छोड़ता है जो आपके दिमाग को संकेत पहुँचाती है और यह मेलाटोनिन बनाना बंद कर देता है। मेलाटोनिन एक केमिकल होता है जो हमारे शरीर में बनता है और हमें सोने में मदद करता है।
लेकिन अगर आपकी नौकरी ऐसी है जिसमें आपको दिन भर फोन चेक करना पड़ता है और क्लाइंट्स के मैसेज रिप्लाई आदि करना पड़ता है तो भी इसका मतलब यह भी नहीं कि आप दिन भर स्मार्टफोन से ही चिपके रहे। एक्सपर्ट्स यह सलाह देते हैं कि आप हर 15 मिनट में अपनी फोन की स्क्रीन से दूर देखें। थोड़े समय के अन्तराल में दूर देखने से आपकी आंखों के लेंस को फोकस बदलना पड़ता है। लेकिन अगर आप इतना भी नहीं कर सकते तो आप अपने स्मार्टफोन में नीचे दिए गए टूल्स डाउनलोड कर ले, जो आपकी आंखों पर स्मार्टफोन से होने वाले प्रभाव को कम करेंगें। इसके साथ ही गूगल ने अपने लेटेस्ट एंड्रॉयड वर्जन के साथ बिल्ट-इन नाइट मोड आॅप्शन देना भी शुरू कर दिया है। अगर आपके स्मार्टफोन में एंड्रॉयड मार्शमैलो या उसके बाद का वर्जन है तो आप अपने स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाकर इसे चालू कर सकते हैं। यह आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली लाइट की तीव्रता को कम कर देगा। लेकिन अगर आप स्क्रीन लाइट का कलर आदि बदलना चाहते हैं तो आप नीचे बताई गई ऐप्स को एक बार इंस्टॉल कर ज़रुर देख ले।
Twilight App
अगर आप स्मार्टफोन पर लगातार काम करते हैं तो आपको इसकी ब्राइटनेस आदि को सही से कंट्रोल करना होगा। Twilight नाम की ऐप से आप आंखों पर पड़ने वाले दबाव को कम कर पाएंगे। आपको इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने स्मार्टफोन में इंस्टाल करना चाहिए। इस ऐप से आप स्क्रीन का कलर टेम्परेचर, इनटेनसिटी और ब्राइटनेस लेवल को एडजस्ट कर सकते हैं। अगर आप स्मार्टफोन पर कुछ पढ रहे हैं तो इसमें एक रीडिंग मोड भी है।
यह ऐप इस्तेमाल में आसान है और थोड़े से प्रयास से ही आप इसे चलाना भी सीख जाएंगे। इसके अलावा ऐप खुद ही सुर्य उदय-अस्त, रात और सुबह के हिसाब से ऑटोमैटिकली ब्राइटनेस एडजस्ट कर सकती है।
डाउनलोड – Twilight
Bluelight Filter App
जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया था कि स्मार्टफोन की नीली लाइट आपके शरीर में मेलाटोनिन बनने नहीं देती। यह ऐप स्मार्टफोन की स्क्रीन के कलर को बदलने के पांच ऑप्शन देती है। इसके साथ ही कलर की स्ट्रेंथ भी आप कंट्रोल कर सकते हैं। स्मार्टफोन से ब्लू लाइट हटाना ही इस ऐप का मुख्य काम है। स्मार्टफोन की स्क्रीन से ब्लू लाइट हट जाने के बाद आपकी आंखों को आराम मिलेगा और तनाव से राहत मिलेगी। इस ऐप को इस्तेमाल करना इतना आसान है कि इसमें केवल ON/OFF बटन ही है।
डाउनलोड – Bluelight Filter
f.lux
यह टूल विंडोज़, मैक, आईफोन, लिनक्स समेत लगभग सभी प्लेटफाॅर्म पर उपलब्ध है। हालांकि इस टूल को एंडाॅयड पर इस्तेमाल करने के लिए आपका फोन रुट होना चाहिए। इसका डवलपर अपनी ऐप्स के लिए दूसरे प्लेटफाॅर्म पर काफी लोकप्रिय है, इसलिए हमने इसे अपने आर्टिकल में शामिल कर लिया।
डाउनलोड – f.lux
Easy Eyes
गूगल प्ले स्टोर पर स्क्रीन सेटिंग्स को एडजस्ट करने वाली कई सारी ऐप्स है। यह ऐप मात्र एक टैप के साथ ही स्क्रीन सेटिंग्स को सही कर देती है। जैसा कि इसका नाम बताता है, यह ऐप इस्तेमाल में बहुत ही आसान है। ऐप में दिख रही बंद आंखों के आइकन को दबाएँ और आपकी स्क्रीन ब्लू लाइट छोड़ना बंद कर देगी।
डाउनलोड – Easy Eyes
Blue Light Filter for Eye Care
यह केवल एक फिल्टर ऐप ही नहीं है, साथ में यह बहुत सारी चीजों के साथ आती है। आप अपनी जरुरत के हिसाब से स्क्रीन फिल्टर का समय निर्धारित भी कर सकते हैं। इस ऐप में सात कलर फिल्टर है जो आपकी आंखों को स्मार्टफोन की ब्लू लाइट से बचाएंगे।
डाउनलोड – Blue Light Filter for Eye Care
हम आशा करते हैं कि ऊपर दी गई ऐप्स आपके काम आएगी और स्मार्टफोन की रोशनी से आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाएगी।
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज & टिप्स
पलकें झपकाएं
आपको बार-बार पलकें झपकानी ही होगी, यह सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जिसे ज्यादातर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यह भी माना जाता है कि जो लोग कम्प्यूटर पर काम करते हैं या स्मार्टफोन्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वे सामान्य लोगों की तुलना में बहुत कम पलकें झपकते हैं। यह आपकी आंखों के लिए अच्छी बात नहीं है। पलकें झपकने की क्रिया एक तरह से आपकी आंखों में तरह पहुंचाने का काम करती है और आंखों में नमी बनाए रखती है। इसके साथ ही यह आंखों में सुखेपन और जलन से भी बचाती है। इसलिए आंखों पर जोर को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पलकें झपकते रहे।
20-20-20 नियम अपनाएं
आंखों के तनाव का एक कारण फोकस ना कर पाना भी है। किसी कम्प्यूटर या मोबाइल की स्क्रीन को लगातार देखते रहने से आंखों पर प्रभाव पड़ता है। इसी खतरे को रोकने के लिए आप 20-20-20 का नियम अपनाना सकते है। इसके अंतर्गत कम से कम हर 20 मिनट में स्क्रीन से 20 फुट की दूरी पर 20 सेकंड तक देखे। आंखों के डॉक्टर भी आंखों की कसरत के लिए इस नियम की सलाह देते हैं। जब आप दूर देखते हैं तो आपकी आंखों के लेंस को एक ही अवस्था में रहने के कारण हुए तनाव से मुक्ति मिलती है।
कम्प्यूटर ग्लासेज का इस्तेमाल करें
ज्यादा लाभ के लिए डॉक्टर की ओर से दिए चश्मे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी आंखों के चश्मे बनाने वाले से भी कम्प्यूटर ग्लासेज बनाने के लिए पूछ सकते हैं। अगर आप काॅन्टेक्ट लेंस पहनते हैं तो आपको इस मामले में गंभीर रुप से विचार करना होगा। क्योंकि लेंस के साथ आंखे तेजी से ड्राई होती है। साथ ही लेंस पहने हुए कम्प्यूटर पर काम करने से आंखों में जल्द ही थकान आ जाती है। इस स्थिति में भी आपको कम्प्यूटर ग्लासेज पहनना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि ये टिप्स और एक्सरसाइज आपको पसंद आए होगें। क्या आप भी अपनी आंखों को स्मार्टफोन के डिस्प्ले से होने वाले बुरे प्रभाव से बचने के लिए जागरुक है? क्या आप भी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए कोई तरीका अपनाते हैं, तो हमारे साथ कमेंट बाॅक्स में ज़रुर शेयर करिए। इसके साथ ही आप कोई अन्य सुझाव और टिप्पणी भी देना चाहते हैं तो वह भी हमें जरुर बताएं।
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